Wednesday, August 24, 2011
Wednesday, November 17, 2010
भीगी हुई शाम
यह भीगी हुई शाम ,
और तेरे शहर का भटकता बादल
किस सोच में खो गयी दिल की दुनिया ,
आने लगी याद तेरी ,
और ना जाने
क्या - क्या याद आने लगा
बीता हुआ ,
इस भटकते बादल ने
भींगें मौसम में
दर्द की आग फैलाने लगा !
//राणा //
और तेरे शहर का भटकता बादल
किस सोच में खो गयी दिल की दुनिया ,
आने लगी याद तेरी ,
और ना जाने
क्या - क्या याद आने लगा
बीता हुआ ,
इस भटकते बादल ने
भींगें मौसम में
दर्द की आग फैलाने लगा !
//राणा //
Saturday, October 9, 2010
जब ना तुम होगी
ना तुम होगी, ना तेरा आसरा होगा
अल्लाह ! आने वाले दिन में न जाने क्या-क्या होगा !
सब भूल जाते है साथ में गुजारें लम्हें एक दिन,
वक़्त बदलेगा तो सब कुछ कितना बदल चुका होगा !
सफ़र में नए मोड़ पर कोई मिल जाएगा ही " राणा"
दिल जो मोम का हैं, लोहे में तबतक ढल चुका होगा !!
© सर्वाधिकार सुरक्षित - राणा नवीन
Thursday, October 7, 2010
नजर
तुम नजर झुकाने मे लगे थें, तुमने सोचा ही नही ...
ये अश्क जो गिर गये अगर तो, एक मसला हो जायेगा !!
ये अश्क जो गिर गये अगर तो, एक मसला हो जायेगा !!
Friday, September 17, 2010
रिश्ते
सच को बयां करें वह आईना ना मिला
खुद जैसा मुझे कोई अजनबी ना मिला !
अजीब है ये रिश्तो की कश्मोकश की डोरी
तमाम उम्र साथ रहा और मुझसे कभी ना मिला !
अजनबी शहर हैं दिल्ली,यहाँ का आलम देखिये
लोगो ने हाथ मिला ली, पर दिल ना मिला !
इश बहार में यह बाग़ को देखो
हर पेड़ हरा है , कोई पत्ता हरा ना मिला !
ये खुदा तेरे इश जहाँ में "राणा"
एक आरजू की और मुझे वह ना मिला !
© सर्वाधिकार सुरक्षित - राणा नवीन
Thursday, September 2, 2010
Sunday, July 18, 2010
एक ख्याब, एक प्यार
ज़ब खिलते हैं एक ख्याब, एक प्यार .......
जलते भि है...ख़ालीपन से भरा आसमान.....
© सर्वाधिकार सुरक्षित-राणा नवीन
(c) राना नवीन